श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली हिंदू धर्म में केतु ग्रह की स्तुति करने के लिए 108 नामों का एक संग्रह है। इन नामों का जाप केतु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने और जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता लाने के लिए किया जाता है।
केतु ग्रह का हमारे जीवन में गहरा प्रभाव होता है। इसके अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने और शुभ फल प्राप्त करने के लिए श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली का जाप अत्यंत लाभकारी माना गया है।
श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली के नाम
- ॐ केतवे नमः
- ॐ धूम्रवर्णाय नमः
- ॐ चितिकर्णाय नमः
- ॐ तपस्विने नमः
- ॐ महाकायाय नमः
- ॐ कृष्णाय नमः
- ॐ महोदराय नमः
- ॐ चित्राय नमः
- ॐ शिरोमते नमः
- ॐ सुखप्रदाय नमः
- ॐ गह्वराय नमः
- ॐ रौद्राय नमः
- ॐ शूराय नमः
- ॐ बलवान्तकाय नमः
- ॐ महाध्वजाय नमः
- ॐ नित्याय नमः
- ॐ सुकर्मणे नमः
- ॐ सुमुखाय नमः
- ॐ सुगंधिने नमः
- ॐ ग्रहपतये नमः
- ॐ शिखिकेशाय नमः
- ॐ बालप्रदाय नमः
- ॐ चन्द्रद्वैताय नमः
- ॐ ग्रहराजाय नमः
- ॐ अद्भुताय नमः
- ॐ अतुलाय नमः
- ॐ तीक्ष्णदंष्ट्राय नमः
- ॐ महोदरेशाय नमः
- ॐ करालवक्त्राय नमः
- ॐ अतितेजसे नमः
- ॐ तुङ्गाय नमः
- ॐ अलोकराय नमः
- ॐ महाजवाय नमः
- ॐ पिङ्गलाक्षाय नमः
- ॐ हिरण्यकवचाय नमः
- ॐ नग्नाय नमः
- ॐ रक्ताय नमः
- ॐ षट्शिरसे नमः
- ॐ कटोदराय नमः
- ॐ विकटाय नमः
- ॐ रक्तमाल्याय नमः
- ॐ पद्महस्ताय नमः
- ॐ महाधनुष्मते नमः
- ॐ छायापुत्राय नमः
- ॐ नगाधिपाय नमः
- ॐ पितृनमस्कृताय नमः
- ॐ पतङ्गाय नमः
- ॐ वातावेगाय नमः
- ॐ गदाधराय नमः
- ॐ ज्योतिष्केशाय नमः
- ॐ महाभूताय नमः
- ॐ क्रूराय नमः
- ॐ सुपर्णमुखाय नमः
- ॐ ग्रहरूपाय नमः
- ॐ भवाय नमः
- ॐ भूतावासाय नमः
- ॐ भूतप्रेताय नमः
- ॐ महारावणाय नमः
- ॐ बन्धनाय नमः
- ॐ बन्धकाय नमः
- ॐ कल्याय नमः
- ॐ कर्मकृते नमः
- ॐ कमण्डलुधराय नमः
- ॐ शूलीनाय नमः
- ॐ दण्डाय नमः
- ॐ मुषलायुधाय नमः
- ॐ रक्तमाल्याय नमः
- ॐ रक्तनेत्राय नमः
- ॐ रक्तवाससे नमः
- ॐ सुधीमुखाय नमः
- ॐ रक्तहस्ताय नमः
- ॐ तीक्ष्णदंष्ट्राय नमः
- ॐ चिताय नमः
- ॐ जटाधराय नमः
- ॐ ब्रह्ममूर्तये नमः
- ॐ बालनेत्राय नमः
- ॐ बहुरूपाय नमः
- ॐ तपोनिधये नमः
- ॐ त्रिजटाय नमः
- ॐ वेदविद्याय नमः
- ॐ महामुखाय नमः
- ॐ घोररूपाय नमः
- ॐ महासेनाय नमः
- ॐ पिनाकधृते नमः
- ॐ कालनेमिरिपवे नमः
- ॐ रौद्राक्षमाल्यविभूषिताय नमः
- ॐ कंकालमाल्यविभूषिताय नमः
- ॐ महाकरालवक्त्राय नमः
- ॐ कालनेमिसुदनाय नमः
- ॐ चण्डविक्रमाय नमः
- ॐ महाज्वलाय नमः
- ॐ सर्वज्ञाय नमः
- ॐ त्रिलोकविजयाय नमः
- ॐ सर्वशत्रुसूदनाय नमः
- ॐ सर्वरोगहराय नमः
- ॐ सर्वदुःखविनाशकाय नमः
- ॐ सर्वमङ्गलप्रदाय नमः
- ॐ सर्वकामफलप्रदाय नमः
- ॐ महावीराय नमः
- ॐ महाशक्त्ये नमः
- ॐ महायशसे नमः
- ॐ महातेजसे नमः
- ॐ महादुर्मुखाय नमः
- ॐ सुग्रीवप्रियाय नमः
- ॐ जटाधराय नमः
- ॐ महागणेश्वराय नमः
- ॐ महाध्यानाय नमः
- ॐ महातापसे नमः
निष्कर्ष
श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली के जाप से केतु ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाई जा सकती है। इन 108 नामों का नियमित पठन जीवन में शांति और स्थिरता लाता है।
केतु के प्रभाव से प्रभावित लोगों को श्री केतु अष्टोत्तरशतनामावली का जाप करना चाहिए और ज्योतिष विशेषज्ञों की सलाह लेनी चाहिए। इससे न केवल उनके जीवन में शांति और स्थिरता आएगी, बल्कि उनके समस्त कार्यों में भी सफलता प्राप्त होगी।